आदाब ,
“मैं सिर्फ अपनी कहानी ही नहीं ..सुन मुझे तेरी भी रूदाद हूँ मैं…
दोस्तों दिल्ली एक आँचल है जिसमे ना जाने वक़्त ने कितने ही अफ़साने छुपा रखे हैं रोज़ मर्राह की ज़िंदगी में शायद हम दिल्ली के अफसानों को याद ना करें शायद ये भी ना सोचें की आज जहाँ हम सुकून से जिस शहर में रहते हैं उसके सीने में ना जाने कितने ज़ख्म छुपे हैं उन्ही ज़ख्मो को अफ़साना ए दिल्ली नाम से हम आपके सामने लाएं हैं.
दोस्तों इस अट्ठाईस मिनट सत्ताइस सेकंड में हमने कोशिश की है की आपको दिल्ली की बस झलक भर दिखा सकें .हम ये भी जानते हैं हमसे कुछ गलतियां ज़रूर हुयी होंगी… कहीं कुछ कमी लगे… पर हाँ हम ये कहेंगे की बेहद मेहनत और दिल से ये विडियो बनाया है..आपके फीडबैक और सुझाव सर आँखों पर 🙂
और हां सुनिए एक ज़रूरी बात …हेड फ़ोन पर सुनियेगा और ज़रा दिल से 🙂